समाज कार्य क्या है स्पष्ट कीजिए?

समाज कार्य क्या है स्पष्ट कीजिए?
Samaj Karya Kya hai spasht kijiye

Samaj Karya Kya hai spasht kijiye
Samaj Karya Kya hai spasht kijiye

 

‌समाज कार्य (social work) का मतलब है समस्याग्रस्त असहाय निर्धन गरीब लोगों की मदद करना होता है समझकर लोगों के जीवन स्तर को बढ़िया से बढ़िया बनाने का एक अच्छा प्लेटफार्म है। यह एक शैक्षिक एवं व्यावसायिक विधा है समाज का लोगों को सामाजिक समानता और न्याय दिलाने का बहुत ही अच्छा कार्य किया जाता है जिससे समाज के लोगों को अच्छा से अच्छा न्याय दिलाने का काम किया जाता है। एक अच्छा सामाजिक कार्यकर्ता लोगों को सेवाएं देने के साथ-साथ उन्हें निशुल्क परामर्श और मनोचिकित्सा भी प्रदान करते है।
‌समाज कार्य द्वारा लोगों को सामुदायिक संगठन एवं अन्य प्रकार की विधियों द्वारा लोगों के जीवन स्तर को समूह के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर को बहुत ही बढ़िया बनाने का प्रयत्न किया जाता है।

Samaj Karya Kya hai spasht kijiye
Samaj Karya Kya hai spasht kijiye

समाज कार्य के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएँ :-
1 समाज कार्य मैं लोगों की समस्याओं को जानने के लिए सामाजिक सिद्धांत और अन्य प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
2 सामाजिक कार्यकर्ता लोगों को सेवाएं प्रदान करने के लिए निर्देश देते हैं।
3 सामाजिक कार्यकर्ता लोगों के साथ मिलजुल कर जीवन में बदलाव लाते हैं एवं उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने का कार्य भी करते हैं।
‌4 सामाजिक कार्यकर्ता समाज के क्षेत्र में लोगों को जीवन जीने के लिए अनेक प्रकार से मदद करती है।
‌5 सामाजिक कार्यकर्ता लोगों को जीवन जीने के लिए उनको न्याय एवं समाज के बीच सामान्यता बनाए रखने का कार्य करती है।
6 सामाजिक कार्यकर्ता जरूरतमंद लोगों को अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं दिलाने के लिए भी कार्य करते हैं।
7 सामाजिक कार्यकर्ता गरीब एवं असहाय लोगों को सरकार के माध्यम से अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने का कार्य करती है।
‌8 सामाजिक कार्यकर्ता लोगों के बीच फैले अनेक प्रकार की कुरीतियों एवं अंधविश्वास से बाहर निकालने का कार्य करती है।
‌9 समाज कार्यकर्ता सरकार के द्वारा जो योजनाएं गरीब परिवारों को नहीं मिल पाती है उस योजनाओं को गरीबों तक पहुंचाने का कार्य करती है।
‌10 एक सामाजिक कार्यकर्ता का यह कार्य भी होता है कि सरकार के द्वारा जो योजनाओं का लाभ परिवार के लोगों को नहीं मिल पता है जिसे प्रधानमन्त्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, वृद्धा पेंशन, लाडली बहना योजना आदि अनेक प्रकार के लाभों से जो लोग वंचित रह जाते हैं ऐसे लोगों को उन तक योजनाओं को दिलाने का कार्य करना।
सीमा सिंह जुग्गी के अनुसार- एम एस डब्ल्यू डिग्री धारी सामाजिक कार्यकर्ता समाज का इंजीनियर होता है जो समाज की समस्याओं को समझकर उनका समाधान वैज्ञानिक सुव्यवस्थित ढंग से करता है।

विभिन्न प्रकार के सामाजिक समस्याओं का निराकरण या समाधान किया जाता है। समाज के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए समाज के सभी वर्गों में समुदाय के लोगों को समान अवसर प्रदान करना होता है जिससे समाज के सभी वर्गों के व्यक्तियों तक लाभ पहुंचाया जा सके। और उनके विकास या उन्नति के लिए समर्थन करना होता है इस प्रकार के उद्देश्यों के माध्यम से सामाजिक स्तर में बेहतर और समृद्धि सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करता है।
‌1 हमें समझकर को समझने के लिए इसकी अवधारणा एवं दर्शन का गहन अध्ययन करना बहुत आवश्यक है।
‌2 व्यावसायिक समाज कार्यकर्ता के लिए व्यवसायिक आचार संहिता क्यों और क्या है इसको जानना बहुत जरूरी है।
‌3 सामाजिक कार्य के मूल एवं नैतिक दायित्वों को हमें समाज कार्य के अंतर्गत इसको जानना चाहिए।
‌4 समाज कार्य के प्रमुख क्षेत्र में सामाजिक न्याय एवं मानव अधिकारों की जागरूकता एवं इसकी स्थापना कैसे होती है। समाज कार्य का आधार वैज्ञानिक ज्ञान भी है समाज कार्य के अभ्यास में वैज्ञानिक पद्धतियों का भी प्रयोग करते हैं।

 

समाज कार्य का दर्शन:-
हबर्ट बिस्नो – ने समाज कार्य का विस्तृत वर्णन किया है उन्होंने समाज कार्य दर्शन को चार क्षेत्र में विभाजित किया है। व्यक्तियों में आपसी संबंधों के कारण समाज कार्य की प्रणालियों एवं कार्यों के संदर्भ में सामाजिक कुसमायोजन एवं परिवर्तन के संबंध में।
व्यक्ति के संदर्भ में –
‌1 व्यक्ति अपने व्यवहार के कारण ही सुखवान होता है।
‌2 मानवीय पीड़ा अवांछिनी है इसको दूर करने का प्रयास करना चाहिए जहां तक संभव हो कम करना चाहिए।
‌3 समस्त मानव व्यवहार जैवकीय अवयव तथा इसके पर्यावरण की क्रिया का परिणाम है।
‌4 मानव विवेकपूर्ण कार्य नहीं करता है।
‌5 जन्म के समय मनुष्य अनैतिक तथा असामाजिक होता है।
विभिन्न विद्वानों द्वारा बताए गए समाज कार्य के उद्देश्य-
विभिन्न विद्वानों ने समाज कार्य के अलग-अलग उद्देश्य बताया है। कुछ प्रसिद्ध विद्वानों द्वारा समाज कार्य के प्रमुख उद्देश्य बताए गए हैं।

1 स्वामी विवेकानंद जी के अनुसार – स्वामी विवेकानंद जी के द्वारा समाज कार्य के माध्यम से युवाओं के लिए एक अलग ही प्रेरणा स्रोत रहे हैं और लोगों के बीच प्रस्तुत किया है एवं प्रचार प्रसार किया है स्वामी जी ने धार्मिक एकता न्याय एवं मानवता के महत्व को समाज के बीच प्रस्तुत किया है।

 

‌2 बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के अनुसार – डॉ बी आर अंबेडकर जी ने समाज कार्य के माध्यम से एवं विशेष रूप से दलित समुदाय के लिए बहुत बड़ा अपना योगदान दिया है। उन्होंने दलितों के लिए सामाजिक न्याय समानता और उनकी हक के लिए संघर्ष किया एवं समाज में जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी है । और भारतीय संविधान के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दिया है।
3 रविंद्र नाथ टैगोर के अनुसार – बंगाली कवि रवींद्र नाथ जी ने समाज कार्य के क्षेत्र में शिक्षा, संस्कृति, विकास और साहित्य में अपना जोर दिया एवं विश्व विख्यात विश्वविद्यालय और शांतिनिकेतन की स्थापना करना और भारतीय समाज भारत के विरासत को एवं भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहित किया।
4 राजाराम मोहन राय जी के अनुसार – राजाराम जी के द्वारा समाज कार्य के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया गया है। उन्होंने अनेक प्रकार से ऐसे कई प्रकार के काम किए हैं जिससे समाज को एक नई दिशा मिली उन्होंने समाज में फैली अंधविश्वास कुरीतियों सती प्रथा पर रोक एवं बाल विवाह पर रोक लगाया। सामाजिक न्याय शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे अनेक प्रकार के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिए जिससे समाज का विकास हो।

 

5 स्वामी दयानंद सरस्वती जी के द्वारा – स्वामी दयानंद जी ने भी समाज कार्य के क्षेत्र में एक नई दिशा देने का कार्य किया है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया एवं अंधविश्वास को लोगों के मन से हटाया है और बाल विवाह पर भी रोक लगाने का काम किया है।
सामाजिक कार्य के क्षेत्र में भारतीय दर्शन
अगर देखा जाए तो भारतीय इतिहास का हम अवलोकन करें तो पता चलता है कि समाज के निर्माण के साथ ही सामाजिक कार्यों की कार्य चलते रहे हैं। गरीब असहाय तथा अपंगों की मदद करना भी समाज की हर एक व्यक्ति का कार्य होता है। और ऋग्वैदिक काल के समय में पुरोहितों को एक कुशल समाज कार्यकर्ता के रूप में माना जाता है। हमारे प्राचीन ग्रंथो से पता चलता है कि प्राचीन समय से दान, धर्म, करना धर्मशालाएं बनवाना, सड़क बनवाना, गरीब असहयों की मदद करना एक राजा का प्रथम कर्तव्य या धर्म होता था। हमारे भारतीय समाज में सबसे पहले व्यक्ति को सदैव महत्व दिया गया है तथा उनकी समस्याओं को निरंतर दूर करने का प्रयास भी होते रहे हैं। हमारे सनातन धर्म की सबसे महत्वपूर्ण साहित्य रामायण, महाभारत, गीता, आदि से पता चलता है कि इस काल में समुदाय की भौतिक सहायता ही केवल सेवार्थी की सहायता नहीं होती थी। क्योंकि इस प्रकार के कार्य से हीनता एवं दूसरे व्यक्ति के ऊपर निर्भर रहने की भावना पनपने का भय था। इसीलिए समाज के क्षेत्र में पिछड़े हुए लोगों को रोजगार दिलाने का कर्तव्य समझा जाता था। बौद्ध काल के समय में समाज कार्य की भारतीय दर्शन की झलक मिलता है एवं उस समय के विद्यार्थियों में अपने – अपने जीवन यापन के वो स्वयं एक साधक के रूप में पक्का एवं दृढ़ मजबूत होते थे।

नोट :- सामाजिक कार्यकर्ता बनने के लिए सामाजिक क्षेत्र में MSW, BSW एवं समाज कार्य में स्नातक एवं मास्टर की डिग्री होना बहुत जरूरी होता है।इस डिग्री को प्राप्त करने के बाद आप समाज कार्य के इंजीनियर बन जाते हैं

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