समाज कार्य की एक व्यवसाय के रूप में व्याख्या कीजिए
Samaj Karya Ki Ek vyavsay Ke Roop me vyakhya kijiye
समाज कार्य एक व्यवसाय के रूप में – शैक्षणिक विकास समाज कार्य शैक्षणिक एवं व्यवसायिक विद्या है समाज कार्य को अपने अच्छे पद्धति या प्रथा के आधार पर सेवा प्रदान करता है। इस प्रकार के विधियों द्वारा लोगों को एवं समूहों के जीवन स्तर को समृद्ध बनाने का प्रयत्न करता है। समाज कार्य का अर्थ है सेवार्थी की अनुमति के आधार पर आवश्यक हस्तक्षेप के माध्यम से व्यक्ति या समूह समुदाय और सामाजिक माहौल के बीच भीतरी व्यापार प्रोत्साहित करके सेवार्थी की क्षमताओं को बेहतर बनाना। ताकि वे अपनी जिंदगी के छोटे-मोटे ज़रूरतें पूरी करते हुए अपने समस्याओं का समाधान खुद कर सके और इस प्रक्रिया में समाज कार्य सेवार्थी की आकांक्षाओं की पूर्ति करने और उन्हें अपने मूल्यों की कसौटी पर खडा उतरने में बहुत सहायक होता है। जो व्यक्ति समाज के लिए अपना बहुमूल्य समय या सेवा प्रदान करता है उसे सेवार्थी कहा जाता है।
उदाहरण – सीमा सिंह जुग्गी के अनुसार -जैसे चिकित्सा के क्षेत्र में चिकित्सक जिसे अपना सेवा प्रदान करता है वह उनके लिए मरीज होता है ठीक उसी प्रकार से समाज कार्य में सेवा लेने वाले को सेवार्थी कहा जाता है। पहले के समय में लोग समाज कार्य को एक सेवा भावना के रूप में करते थे जैसा कि ग्रामीण इलाकों में पिछड़े हुए लोगों एवं गरीब असहाय ऐसे लोगों के मदद एक सामाजिक कार्यकर्ता करता था । निस्वार्थ भावना से बिना किसी स्वार्थ के लेकिन आज के समय में समाज कार्य को एक व्यवसाय के रूप में करने लगे हैं। समाज कार्य आज के समय में बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म बन चुका है बड़े-बड़े लोग समाज कार्य के नाम पर गरीब और असहाय लोगों को समाज कार्य के नाम पर लूटपाट मचा रहे हैं जो आज के समय में व्यावसायिक समाज कार्य के नाम से जाना जाता है।
समाज कार्य का अर्थ – व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी है व्यक्ति का हमेशा से यही प्रयास रहता है कि वह व्यक्तिगत दृष्टि से संतोषप्रद एवं सामाजिक दृष्टि से उपयोगी जीवन यापन कर सके या करता रहे। और लोगों की क्षमताओं को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए सकारात्मक और सक्रिय सचेत करना है इसका मतलब लोगों को अपनी ज़रूरतें पूरी करने में मदद करना होता है और उनकी तकलीफों को दूर करना होता है समाज का अर्थ होता है धार्मिक परोपकारी वैज्ञानिक राजनीतिक देशभक्ति या अन्न प्रकार के उद्देश्यों के लिए समाज का एक दूसरे के साथ मिल – जुलकर कार्य करना जिसे संगठित समूह या समुदाय कहा जाता है। व्यक्ति का हमेशा से यही प्रयास रहता है कि वह व्यक्तिगत दृष्टि से संतोषप्रद एवं सामाजिक दृष्टि से उपयोगी जीवन यापन कर सके या करता रहे। और लोगों की क्षमताओं को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए सकारात्मक और सक्रिय सचेत करना है इसका मतलब लोगों को अपनी ज़रूरतें पूरी करने में मदद करना होता है और उनकी तकलीफों को दूर करना होता है समाज का अर्थ होता है धार्मिक परोपकारी वैज्ञानिक राजनीतिक देशभक्ति या अन्न प्रकार के उद्देश्यों के लिए समाज का एक दूसरे के साथ मिल – जुलकर कार्य करना जिसे संगठित समूह या समुदाय कहा जाता है।
समाज कार्य की परिभाषा – ऐसे लोगों का समूह जो कि अपने समूह के अंदर की मुकाबला उन समूह से बहुत कम मेल – जोल रखता है। किसी अन्य समाज के आने जाने वाले व्यक्ति एक दूसरे के प्रति भाईचारा एवं मित्रता पूर्ण भावना रखते हैं। दुनिया भर के सभी समाज के लोगों को अपनी एक अलग छबि या पहचान बनाते हुए रीति रिवाजों का आदर सम्मान करते हैं ।
समाज कार्य क्या है – समाज कार्य एक ऐसा व्यवसाय है जिसका उद्देश्य जरूरतमंद लोगों की मदद करना होता है। समाज कार्य समाज के लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए लोगों की समस्याओं को जाकर पता लगाते हुए और उनकी जरूरतों को पूरा करना होता है। सामाजिक कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में जो अंधविश्वास फैला रहे हैं या फैला होता है उनको जाकर सही जानकारी प्रदान करना होता है और सरकार के द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसके बारे में सही तरीका से जानकारी देना और अंधविश्वास को दूर करना भी होता है।
व्यवसाय के क्षेत्र में सामाजिक कार्य- व्यवसाय के सामाजिक उद्देश्यों के अंतर्गत बढ़िया से बढ़िया गुणवत्ता वाली वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन करना तथा पूर्ति करना एवं उचित व्यापारिक रीतियों को मानना या अपनाना समाज के क्षेत्र में सामान्य कल्याणकारी कार्यों में अपना योगदान तथा कल्याणकारी सुविधाओं को मैं अपना मुख्य रूप से योगदान देना एवं करना।
व्यवसाय क्या है- व्यवसाय ( Business) विधिक रूप से एक मान्य संस्था है जो बड़े-बड़े उपभोक्ताओं को उत्पादन करना या सेवा प्रदान करने के लक्ष्य से बनाया जाता है। व्यवसाय को कंपनी या एंटरप्राइज फॉर्म समिति संस्था भी कहते हैं पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में व्यापार का मुख्य स्थान है जो मुख्यतः स्वयं के हाथों में होता है और कमाने के उद्देश्य से काम करते हैं एवं साथ-साथ व्यापार की वृद्धि भी करते हैं परंतु सहकारी संस्थाएं तथा सरकार द्वारा चलाई जाने वाले संस्थाएं प्राय लाभ के अलावा अन्य उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए बनाए गए होते हैं हम लोग व्यावसायिक वातावरण में रहते हैं जिसे समाज का एक अभिन्न अंग कहा जाता है । व्यावसायिक क्रियाओं के वातावरण या विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से विभिन्न प्रकार से वस्तुओं और सेवाओं उपलब्ध करा कर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।
दूसरे शब्दों में – व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें जीवन यापन के बदले वस्तुओं अथवा सेवाओं का उत्पादन विक्रय एवं विनिमय होता है एवं यह कार्य नियमित रूप से किया जाता है। व्यवसाय में संपूर्ण मानवीय क्रियाओं आ जाती है जिनका अपनी सेवाओं द्वारा समाज के लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करके लाभ अर्जन करना होता है।