माता महाकाली के दरबार में 108 महिलाओं का सुहागलों का कार्यक्रम आयोजन हुआ

श्री दसमुखी माता महाकाली भैरव बाबा मठ लार्डगंज कछियाना चौक स्थित श्री दसमुखी माता महाकाली भैरव बाबा मठ में 108 मातृ शक्तियों का सुहागलों का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उपस्थित सभी मातृशक्तियो को सुगाग सामग्री और मिष्ठान वितरण किया गया।
श्री दसमुखी महाकाली के पीठाधीश्वर श्री महंत राजेश्वरानंद गुरु जी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी माता महाकाली के दरबार में गुप्त नवरात्रि में मां भगवती की आराधना पूरे नौ दिन होती है, यह व्रत पतिव्रता महिलाएं ही करती हैं वह अपने पति की लंबी उम्र की कामना करने के लिए मातारानी की उपासना करती हैं नवरात्रि समापन तथा माता भगवती के दरबार में लगभग 108 मातृ शक्तियों का सुहागलों का कार्यक्रम किया गया, महंत जी ने बताया कि शास्त्र और सनातन धर्म के अनुसार मंदिर, देवालय में ही सुहागलों का कार्यक्रम करना चाहिए, आज 108 से अधिक मातृ शक्तियों को बुलाकर आमंत्रित किया गया और सम्मान के साथ उनको पूजन में बैठाकर पूजन हुआ, उन्होंने अपने घर परिवार और राष्ट्र के लिए सुख शांति के लिए माता से प्रार्थना की।
इनकी उपस्थिति – श्री मति नंदिता तिवारी सांघवी ,सबिता दीदी सुषमा पटेल ,आयु तिवारी ,गौरी विश्वकर्मा ,रंजीता पटेल सीता तिवारी , मणी पटेल ,संगीता पटेल ,सबिता पटेल ,नम्रता अग्रवाल ,मोहनी ठाकुर, गीता साहु, मुस्कान पटेल ,शिखा साहू गुड़िया ठाकुर , सहित सभी महिलाओं ने सुहागले की पूजा की गई एवं सभी मातृ शक्तियों को मीठा प्रसाद सुहाग की सामग्री वितरण कर सुहागलो के कार्य संपन्न किया गया
FAQ
1.महाकाली के पति कौन थे
माता जगत जननी महाकाली के पति जगत पिता बाबा महाकाल है जिनकी हम भगवान शिव, भोले नाथ, जागेश्वर नाथ, महादेव आदि नामों से आराधना करते हैं । हिंदु समाज के देवता होने के साथ साथ समस्त जगत के पिता और देवो के देव है बाबा महाकाल।
2.मां काली का दिन कौन सा होता है
मां काली की पूजा के लिए दिन शुक्रवार और शनिवार शुभ माना जाता है।जगत माता काली की आराधना मध्य रात्रि के समय की जाती है यही मान्यता है।
3.काली माता का भोग क्या है
काली माता का भोग स्वच्छ गुड़ है माता की आरती के बाद गुड़ का भोग लगाना चाहिए।
4.सुहागले पूजा क्यों की जाती है
पति की दीर्घ आयु के लिए विवाहित महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं महिलाओं के इस श्रृंगार को सुहाग की निशानी मानी जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माता पार्वती 16 श्रंगार करती थी इसलिए उनका जीवन सुख में रहा।
5.सुहागन स्त्री को कौन सा व्रत करना चाहिए
सुहागन स्त्री को हरि तालिका तीज व्रत करना चाहिए यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है इस व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं सुबह 4:00 बजे दातुन से ब्रश करती हैं और बिना खाना पानी के निर्जला व्रत रखती हैं।
6.सुहागले की पूजा कैसे की जाती है
माता को हल्दी चंदन कुमकुम अक्षत व पुष्प अर्पित करें माता को मिठाई का भोग लगाएं इसके बाद हल्दी कुमकुम लगाकर सुहाग चिन्ह जैसे कि सिंदूर चूड़ी बिंदी बछिया मेहंदी महावर वस्त्र आदि भेंट करें सभी सुहागन साथ मिलकर व्रत का पारण करें।
7.सदा सुहागन रहने के लिए स्त्रियों को हरितालिका व्रत करना चाहिए।
सदा सुहागन रहने महिलाओं को हरि तालिका तीज व्रत करना चाहिए जिससे माता रानी के आर्शीवाद से पति की उम्र लंबी होती है
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