महाकौशल प्रांत ‘संघ शिक्षा वर्ग का उद्घाटन छतरपुर में किया गया

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महाकौशल प्रांत
‘संघ शिक्षा वर्ग ‘”सामान्य विद्यार्थी” का उद्घाटन छतरपुर शहर के सिंचाई कॉलोनी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर मे हुआ। इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर *पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी*, वर्ग के सर्वाधिकारी *मा.नागेंद्र बहादुर सिंह*, महाकौशल प्रांत के प्रांत प्रचारक श्रीमान बृजकांत जी रहे उपस्थित रहे।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा संघ के लोग आंदोलन नहीं करते आंदोलित करते हैं, संघ की परंपरा मैं कठोरता और अनुशासन है लेकिन यह कठोरता और अनुशासन हमारे विचारों में क्रांति लाता है, वर्ग का अर्थ साधना और तपस्या है संघ एक दृढ़ होकर कार्य करता है हमें संघ की विचारधारा को अपना कर भारत की दशा और दिशा को बदलना होगा। संघ में आए हुए विद्यार्थियों से श्री शास्त्री जी ने कहा कि यह आपका गौरव है कि आप संघ की शताब्दी काल में वर्ग कर रहे हैं और इस वर्ग का अर्थ है कि हम 15 दिवस जो भी कार्य सीख रहे हैं वह यहां से वापस जाने के पश्चात अपने पड़ोसियों और अपने मित्रों को भी बताएं और उनके विचारों में भी क्रांति तभी हमारा समाज और हमारा विश्व सुदृढ होगा, पहले हमको बदलना होगा तभी हम परिवार गांव और शहर इसके बाद समाज को बदल पाएंगे और समाज बदलेगा तो निश्चित रूप से देश और विश्व भी बदलेगा, हमारी मूल समस्या है क्षेत्रवाद, भाषावाद और जातिवाद। हमें इन पर काम करना है हम संतुष्ट होकर संघ का कार्य करे और विचारों की क्रांति को लेकर आगे बढ़ेंगे तो निश्चित ही हम देश और दुनिया को बदल पाएंगे, देश को देश और भारत को भारत बनाए रखने के लिए संघ की आवश्यकता है इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को और संघ में उपस्थित लोगों को सफलता का मंत्र बताते हुए भी कहा कि सफलता पाने के लिए बातों से नहीं रातों से सफलता प्राप्त होगी अर्थात हमें ब्रह्म मुहूर्त से पहले ही जागना होगा और कड़ी मेहनत करके ही हम सफल हो सकते हैं।

वर्ग एक सामूहिक साधना है, ब्रजकांत जी ने कहा वर्ग एक सामूहिक साधना है ,संघ शताब्दी वर्ष मना रहा है, भारत ने 2019 मे नवीन शिक्षा प्रणाली की घोषणा की, इससे पहले 80 वर्षो तक यूरो व्यवस्था रही है,संघ ने 100 वर्ष की यात्रा मे विभिन्न प्रकार के उतार चढ़ाव देखे है संघ ने 4 चरण मे रचना की,पहला चरण संगठन के लिए (संघठन करके संघठन करेंगे )दूसरा चरण संघ समाज जीवन, तीसरा चरण 1975 के बाद सामाजिक आंदोलन करना व्यक्ति व्यक्ति के अंदर संघ का विस्तार करना रहा है और चौथे चरण गतिविधियों का कार्य प्रारंभ करना है, प्रान्त प्रचारक जी ने कहा संघ शिक्षा वर्ग का अर्थ है व्यवहारिक जीवन में संघ को जीवन में उतरना है, संघ का विचार है नित्य नूतन चिर पुरातन है, संघ सामूहिकता है सामूहिकता ही संघ की पहचान है, सामूहिक साधना से ही राष्ट्र का उत्थान होगा जब साधना होती है तब शक्ति मिलती है और शक्ति से समाज में प्राप्त विषमता को दूर करने का प्रयास होता है। संघ शिक्षा वर्ग का अर्थ साधना है और वर्ग आंतरिक गुणों का संवर्धन है, परिवर्तन क्रांति से नहीं संक्रांति से होता है क्रांति स्थाई नहीं होती संक्रांति विचार बदलती है! इस अवसर पर पूरे प्रांत से 182 विद्यार्थी शिक्षार्थी एवं 35 शिक्षक वर्ग में उपस्थित हुए । यह वर्ग 15 दिवसीय 10 मई 2025 से 26 मई 2025 तक आयोजित है ।
FAQ.
1.महाकौशल प्रांत में कितने जिले हैं?
महाकौशल प्रांत में जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जिले शामिल हैं।
2.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित है। इसके प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत जी हैं।
3.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का क्या काम है?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारतीय संस्कृति और भारतीय नागरिक समाज के आदर्श मूल्यों को बढ़ावा देता है यह संगठन मानव हित के लिए कार्यकर्ता है यह एक स्वयं सेवी संगठन है जो मानव हित के लिए सदैव कल्याणकारी कार्य करता है। इस संगठन के स्वयंसेवक को कोई आर्थिक लाभ नहीं मिलता है बल्कि इसके बदले आत्म सम्मान और मानसिक शांति का बोध होता है।