समाज कार्य के मौलिक मूल्य क्या हैं?

सामाजिक मौलिक मूल्य की अवधारणा – मूल्य सामाजिक मूल्य समाज के सदस्यों के व्यवहार को संचालित करते हैं यह मूल्य विभिन्न सामाजिक परिस्थितियों क्रियो वस्तुओं अवधारणा आदि के विषय में समाज के सदस्यों सामाजिक समूहों के निर्णय होते हैं जिसे प्रभावित होकर वह सदस्य या समूह विशेष प्रकार का व्यवहार करता है इस निर्णय के आधार पर समाज के सदस्यों या समूह का बौद्धिक ज्ञान होता है सामाजिक मूल्य से तात्पर्य सत्य और ईमानदारी से है सच बोलना ,ईमानदार रहना, सभी के साथ निष्पक्ष व्यवहार करना, सभी व्यक्तियों को समान अवसर व सम्मान देना ,दूसरों की भलाई करना और उनकी मदद करना ,दूसरों के दुख दर्द को समझना और उनके प्रति सहानुभूति रखने अपनी संस्कृति और इतिहास से जुड़े रीति रिवाज को महत्व देना, पर्यावरण की देखभाल करना आदि समाज कार्य की मौलिक मूल्य है। सामाजिक मूल्य लोगों को एक साथ बांधते हैं उनकी समझ सहयोग को बढ़ावा देते हैं सामाजिक व्यवहार व्यक्तियों को यह जानने में मदद करते हैं कि विभिन्न स्थितियों में कैसा व्यवहार करते हैं सामाजिक मूल्य समाज के सदस्यों के बीच एकता की भावना मजबूत करते हैं सामाजिक मूल्य स्थिर नहीं होते वह समय स्थान और सामाजिक परिस्थितियों के अनुसार बदलते रहते हैं विभिन्न समान और संस्कृतियों के मूल्य अलग-अलग हैं।
कौस के अनुसार- मूल्य को किसी वस्तु अवधारणा सिद्धांत क्रिया व परिस्थिति के विषय में किसी व्यक्ति समूह या समुदाय के बौद्धिक एवं संवेगात्मक निर्णय के रूप में देखा जा सकता है मूल्य मानवीय व्यवहार को प्रभावित करते हैं व्यवहार विभिन्न स्थिति में विभिन्न मूल्य के प्रभाव से घटित हो सकता है देखना यह चाहिए कि व्यक्ति किसी विशेष क्षेत्र से संबंध है घर ,व्यापार राजनीतिक, खेल का मैदान ,सामुदायिक सेवाएं आदि कई प्रकार के क्षेत्र हो सकते हैं।
डौरोथी के अनुसार- डौरोथी सामाजिक मूल्यों को परिभाषित करते हुए कहते हैं कि मानवीय मूल्यों से किसी एक मूल्य या मूल्य की पद्धति से मेरा अभिप्राय है वह आधार जिस पर एक व्यक्ति किसी एक मार्ग को किसी दूसरे मार्ग की अपेक्षा अच्छा या बुरा ,उचित या अनुचित समझते हुए ग्रहण करता है । हम माननीय मूल्य के विषय में केवल व्यवहार ही जान सकते हैं मानव व्यवहार के निर्माण में मूल्य सामाजिक नियंत्रण के साधन के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इन्हीं मूल्यों के द्वारा एक समूह समुदाय और अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखते हैं।
विस्नो के अनुसार – समाज कार्य का मुख्य उद्देश्य सामाजिक एवं व्यक्तिगत परिवर्तन लाने में सहायता देना है इसलिए समाज कार्य में मूल्य का होना आवश्यक है यह मूल्य समाज कार्यकर्ता को एक व्यक्तित्व प्रदान करते हैं समाज की विभिन्न अवधारणाओं का ज्ञान और समाज कार्य की वीडियो का ज्ञान कार्यकर्ता के लिए पूर्ण रूप से तब तक उपयुक्त नहीं हो सकता जब तक इस ज्ञान और समाज कार्य के अभ्यास के फल स्वरुप एक विशेष प्रकार के व्यक्तित्व का विकास नहीं कर लेता यह व्यक्तित्व समाज कार्य की मनोवृतियों एवं मूल्य पर आधारित होता है इसकी सहायता से वह समाज के विभिन्न समुदायों में स्वाभाविक संघर्षों , समूहों और व्यक्तियों के आपसी स्वाभाविक विरोधी मूल्य के संघर्षों को दूर करने का प्रयास करता है।
कोनोपका के अनुसार- समाज कार्य को प्राथमिक मूल्य बताया हैं प्रत्येक व्यक्ति के प्रति आदर की भावना एवं उसकी अपनी क्षमताओं के संपूर्ण विकास का अधिकार, व्यक्तियों की पारस्परिक निर्भरता एवं एक दूसरे के प्रति अपनी योग्यता अनुसार उत्तरदायित्व । समाज कार्यकर्ता एक ऐसा प्रभावशाली अस्तित्व है जो समाज कार्य की प्राथमिक मूल्य की रक्षा करता है और उन्हें व्यावहारिक रूप देने का प्रयास करता है।
फ्रीडलेण्डर के अनुसार – समाज कार्य की मौलिक मूल्य का जन्म राहों के किनारो पर उपजे जंगली पुरुषों की भांति नहीं हुआ है बल्कि इन मूल्यों की जुड़े उन गहरी उपजाऊ विश्वास सॉन्ग मैं देखने में मिलती है जो सभ्यताओं को सीखने आए हैं समाज कार्य की शिक्षा का सीधा संबंध व्यक्ति और समाज से है इसी कारण यह शिक्षा सामाजिक मूल्यों से प्रभावित होती है समाज कार्य एक व्यवसाय भी है और एक व्यवसाय के प्रवृत्ति में ही मूल्य निर्णय विद्यमान होते हैं।
प्रो. मिर्जा आर अहमद के अनुसार- अहमद ने विभिन्न भारतीय एवं पाश्चात्य राजनीतिक एवं सामाजिक विशेषज्ञों शिक्षाविदों और विचारकों के विचारों को उद्धारित करते हुए समाज कार्य के मूल्यों को प्रतिपादित किया है समाज कार्य आर्थिक एवं राजनीतिक प्रभु सत्ता के समान रूप से पुनर्वितरण पर विश्वास करता है ताकि आर्थिक प्रोग्राम के अंतर्गत निर्धनों को उनका पूरा लाभ मिल सके समाज कार्य आधुनिकीकरण में विश्वास रखता है समाज कार्य उत्पादन की सामाजिक व्यवहारिकता पर विश्वास करता है तथा उत्पादन को सामाजिक उद्देश्य के अधीन मानता है समाज कार्य योजना में विश्वास करता है।
समाज कार्य के मूल्य भी मार्गदर्शक सिद्धांत है जो सामाजिक कार्यकर्ताओं के अभ्यास और आचरण को निर्देशित करते हैं यह मूल्य समाज कार्य पैसे की नींव है व्यक्तियों परिवारों समुदायों और समाज की भलाई को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है समाज कार्य के मौलिक मूल्य निम्नलिखित है।
सेवा करना- समाज कार्यकर्ता का प्राथमिक लक्ष्य सेवा करना है जरूरतमंद लोगों की मदद करना है और सामाजिक समस्याओं का समाधान करना है सामाजिक कार्यकर्ता निस्वार्थ सेवा भावना से दूसरों की सेवा को प्राथमिकता देते हैं।
सामाजिक न्याय- सामाजिक कार्यकर्ता सामाजिक अन्याय को चुनौती देते हैं वे विशेष रूप से कमजोर और उत्पीड़ित व्यक्तियों ,समूहों की ओर से सामाजिक परिवर्तन का प्रयास करते हैं।
व्यक्ति की गरिमा और मूल्य– सामाजिक कार्यकर्ता प्रत्येक व्यक्ति की अंतर निर्दिष्ट गरिमा और मूल्य का सम्मान करते हैं सामाजिक कार्यकर्ता प्रत्येक व्यक्ति के साथ सम्मान और देखभाल के साथ व्यवहार करते हैं व्यक्तिगत और सांस्कृतिक सचेत के बीच सचेत रहते हैं।
मानवीय संबंधों का महत्व – सामाजिक कार्यकर्ता मानवीय संबंधों के मौलिक महत्व को पहचानते हैं सामाजिक कार्यकर्ता मानते हैं कि व्यक्ति और समूहों की भलाई के लिए पारस्परिक संबंध एक महत्वपूर्ण साधन है।
क्षमता- सामाजिक कार्यकर्ता अपनी क्षमता के क्षेत्र के बीच अभ्यास करते हैं और अपने व्यावसायिक ज्ञान और विशेषज्ञ को लगातार विकसित करते रहते हैं।
मौलिक मूल्य के अलावा सामाजिक कार्य में गोपनीयता आत्मनिर्णय का अधिकार और दूसरों के प्रति सम्मान जैसे नैतिक सिद्धांत भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं मूल्य और सिद्धांत समाज कार्यकर्ताओं को नैतिक निर्णय लेने और प्रभावी और न्याय संगत तरीके से अभ्यास करने में मदद करते हैं।