Msw कोर्स क्या है एम एस डब्ल्यू में कितने विषय होते हैं

यदि आप में समाज सेवा का जुनून है और समाज सेवा कार्य के क्षेत्र में अपना करियर भी बनाना चाहते हैं तो आपको मास्टर ऑफ सोशल वर्क MSW का कोर्स करना चाहिए एम एस डब्ल्यू के चार सेमेस्टर में पांच पांच विषय होते हैं आपको एमएसडब्ल्यू का कोर्स करने के बाद आप समाज के इंजीनियर कहलाने लगेंगे आपको एक संपूर्ण प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पहचाने जाएंगे मास्टर ऑफ सोशल वर्क की डिग्री हासिल करने वाला छात्र एक ऐसा सामाजिक कार्यकर्ता बन जाएगा जो समाज की बड़ी से बड़ी समस्याओं को समाधान करने की क्षमता रखता है इसलिए MSW यानी मास्टर ऑफ सोशल वर्क डिग्री प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता को समाज का इंजीनियर कहा जाता है होम साइंस कॉलेज जबलपुर की कार्यकारिणी अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता सीमा सिंह के अनुसार MSW सामाजिक कार्यकर्ता समाज का इंजीनियर है यह डिग्री प्राप्त करने वाला छात्र समाज की समस्याओं को वैज्ञानिक ढंग से और सुव्यवस्थित तरीके से धैर्य के साथ समाधान करने की पूरी क्षमता रखता है जिसे सुलझाने में सामाजिक कार्यकर्ता सक्षम व्यक्ति होता है।
MSW कोर्स की फीस कितनी है
मास्टर ऑफ़ सोशल वर्क यानी MSW की फीस रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में 15000 रूपए दो सेमेस्टर की फीस होती है जिसमें लगभग 2500 रुपए एक सेमेस्टर की परीक्षा फीस होती है यानी 4 सेमेस्टर की फीस 30000 रुपए और 4 सेमेस्टर की परीक्षा फीस 10000 रुपए है ओबीसी और अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है इसके साथ ही आवास योजना छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है जिससे बाहर दूसरे शहरों से आने वाले छात्रों को रहने की सुविधा भी मिलती है और एमएसडब्ल्यू कोर्स करने की आसान सुविधा मिल जाती है बता दें कि जिन छात्रों को छात्रवृत्ति मिलती है उन सभी छात्रों को छात्रवृत्ति सीधे उनके खाते में आ जाती है इसमें किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाती है हालांकि भारत में ऐसे बहुत सारी यूनिवर्सिटी हैं जहां एमएसडब्ल्यू कोर्स किया जा सकता है लेकिन सबसे सस्ती और के फायदे यूनिवर्सिटी एमएसडब्ल्यू के लिए रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर ही है इस यूनिवर्सिटी में कोर्स प्रशिक्षण की सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं और बहुत ही अच्छी है यदि आप रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी जबलपुर से एमएसडब्ल्यू कोर्स करना चाहते हैं तो इस यूनिवर्सिटी के सोशल वर्क विभाग में जाकर संपर्क कर सकते हैं और एडमिशन भी ले सकते हैं यहां फीस आप प्रति सेमेस्टर भी भर सकते हैं आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए यह एक बहुत अच्छी सुविधा है।
MSW करने की योग्यता क्या होनी चाहिए
MSW यानी मास्टर ऑफ सोशल वर्क करने की योग्यता वैसे तो स्नातक होनी चाहिए किसी भी विषय से आप स्नातक हो लेकिन अपने बस बीए बीकॉम से स्नातक किया है तो आपको आगे बहुत लाभदायक सिद्ध हो सकती है आपको समाज कार्य के क्षेत्र में समस्याओं के समाधान करते समय काम आ सकती है लेकिन फिर भी जब आप मास्टर ऑफ सोशल वर्क की डिग्री की पढ़ाई करेंगे तो आपको हर तरह से प्रशिक्षण दिया जाएगा जो समाज कार्य में छात्रों के लिए आवश्यक होता है आपको समाज कार्य कर रही बड़ी-बड़ी संस्थाओं में यूनिवर्सिटी द्वारा विजिट कराया जाएगा आपको पूरा प्रशिक्षण बहुत ही अच्छे तरीके से प्रदान किया जाएगा इस तरह के प्रशिक्षण भविष्य में आपकी बहुत काम आते हैं।
MSW कोर्स में कितने सेमेस्टर होते हैं
मास्टर ऑफ़ सोशल वर्क MSW मैं 4 सेमेस्टर होते हैं और चारों सेमेस्टर में पांच पांच सब्जेक्ट होते हैं।
पेपर -1 पहले सेमेस्टर में
1.विषय – समाज कार्य का परिचय
2.विषय – भारत की सामाजिक समस्याएं
3.विषय -मानव विकास एवं बुद्धि
4.विषय – समाज कार्य की प्रक्रिया
5. विषय – अनुसंधान
पेपर -2 दूसरे सेमेस्टर में
विषय 1- समाज कल्याण एवं समाज कार्य
1.सामाजिक कल्याण का अर्थ एवं अवधारणा सामाजिक आर्थिक और औद्योगिक विकास के संबंध में समाज कल्याण के अभ्यास,समाज कल्याण पर राजनीतिक दर्शन और प्रभाव बदल रहा है।
2. सामाजिक नियोजन समाज कल्याण सुधार सामाजिक सुरक्षा सामाजिक कार्यवाही में सामाजिक क्रिया।
3. सामाजिक नियोजन समाज कल्याण सेवाओं जनता के कल्याण और सामाजिक सहायता सामाजिक योजना और सामाजिक प्रशासन सामाजिक क्षेत्र के विकास में राज्य कार्यवाही।
4. भारत में समाज कल्याण सर्वोदय आंदोलन भारत गांधीवाद।
3.विषय – भारत में सामाजिक समस्याएं
1. गरीबों की समस्याओं अनुसूचित जाति पिछड़ी अनुसूचित जनजाति पिछड़ी जातियों के अंतर।
2. घरेलू हिंसा दहेज तलाक अंतर पीढ़ी संघर्ष पीढ़ी गत।
3. श्वेत व्यसन अपराध बाल अपराध एवं आत्महत्या।
4. शराब मादक पदार्थों की लत भ्रष्टाचार एवं युवा अशांति।
5. आयु समस्या शारीरिक एवं मानसिक अपंगता और अनाथ विंडोज।
3.विषय – असामान्य एवं सामान्य मनोविज्ञान
1. विषमता लक्षणों कर्म में से विभिन्न दृष्टिकोण के प्रकार एवं अर्थ।
2. चिंता और तनाव के स्रोतों और प्रकार संघर्ष समायोजन प्रतिक्रिया और अहंकार एवं सुरक्षा तंत्र।
3. मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के लिए रोकथाम तथा जैविक मनोविज्ञान सामाजिक अंतर ,राष्ट्रीय उपायों पर मानसिक स्वास्थ्य के नजरिये।
4. परिभाषा अर्थ और सामाजिक मनोविज्ञान सामाजिक व्यवहार सीमा सुझाव सहानुभूति की गुंजाइश।
5. स्वभाव अवधारणा गठन और कारकों को बदलने लकीर के फकीर पूर्वगृहो एवं संचार।
4. विषय -समाज कार्य की प्रक्रिया ।
1.सामाजिक समूह में काम ऐतिहासिक अवधारणा प्रमुख सिद्धांतों समूह सामाजिक काम और लोकतांत्रिक समाज।
2. व्यक्तियों और सामाजिक समूह काम का एक उपकरण के रूप में दशों कार्यक्रम के विकास में समुदाय ग्राफिक अभ्यास के विकास में सामाजिक समूह में काम की सामाजिक समूह में भूमिका की विधि।
3. समूह और सामाजिक समूह प्रक्रिया विभिन्न आयु वर्ग सामाजिक समूह प्रक्रिया में कार्यक्रम में सामाजिक प्रक्रियाओं के संबंध में समूहों के सामाजिक समूह में काम विशेषताओं के व्यवहार में रिकॉर्डिंग सेटिंग ।
4. समुदाय की अवधारणा संरचनात्मक और सामुदायिक संगठन कार्यात्मक पहलुओं की अवधारणा राज्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अंतर सामुदायिक संगठन और नेतृत्व सामाजिक कार्यवाही धर्मार्थ ट्रस्ट पर तरीकों तथा समन्वय करना।
5. भारत में सामुदायिक विकास के उद्देश्य और अर्थ विकास के लिए रणनीति संगठन और प्रशासनिक दृष्टिकोण वीडियो प्रशिक्षण संसाधन पर्यवेक्षक और सामुदायिक विकास के तरीके के रूप में मूल्यांकन सामुदायिक संगठन।
5.विषय -अनुसंधान विधि एवं प्राथमिक आंकड़े।
1.मामले का अध्ययन अवधारणा महत्व सीमाओं विधि जीवन इतिहास अवधारणा उपयोगिता और सीमाओं समाज मिति स्केलिंग तकनीकी।
2. डाटा प्राथमिक की स्रोतों और डाटा उद्देश्य के माध्यमिक वर्गीकरण और डाटा को इसके महत्व को सारणीकरण उद्देश्य टेबल के प्रकार उपयोगिता विश्लेषण और रिपोर्ट लेखन।
3.सांख्यिकी और सामाजिक आंकड़े गुंजाइश उपयोगिता और अनुसंधान आवृत्ति विवरण में सामाजिक आंकड़े की सीमा डाटा का समूह (ग्राफिक प्रतिनिधित्व)
4. केंद्रीय प्रवृत्ति माध्यिका और बहुलक अवधारणा और माय मानक और चतुर्थक।
5.आज संबंधित उत्तर में सह संबंधित विश्लेषण वर्ग प्रशिक्षण।
3.पेपर तीसरे सेमेस्टर में
1.विषय- सामाजिक कल्याण नीति और एजेंसी प्रशासन
1. सामाजिक नीति अवधारणा और गुंजाइश। सामाजिक नीति का विकास और आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ इसके संबंध। सामाजिक कल्याण और सामाजिक नीति: अंतर संबंध
2.परिभाषा और अवधारणाएं, सामाजिक प्रशासन सामाजिक कल्याण प्रशासन, लोक कल्याण प्रशासन, सामाजिक सुरक्षा, सामाजिक सहायता और सामाजिक बीमा
3. सामाजिक कल्याण, अवधारणा, महत्व और आवश्यकता। भारत में सामाजिक कल्याण का इतिहास। भारत में समाज कल्याण योजना। समाज कल्याण सेवाओं के तहत उसकी योजनाओं के तहत सेवाएं।
4.सामान्य सिद्धांत ओटी प्रशासन।
सामाजिक। कल्याण प्रशासन: अवधारणा। उद्देश्य और क्षेत्र, कार्य।
5. समाज कल्याण में ग्रामीण समाज का विकास ।
2.विषय – विकास तथा योजना
3.विषय – ग्रामीण सामुदायिक विकास
4.विषय-शहरी सामुदायिक विकास
5.विषय- असाइनमेंट एवं फील्ड वर्क
4 पेपर -चौथे सेमेस्टर में
1.विषय – सामाजिक कल्याण और सामाजिक कानून नीति
2.विषय – विकास तथा योजना
3.विषय – ग्रामीण सामुदायिक विकास
4.विषय-शहरी सामुदायिक विकास
5.विषय – फील्ड वर्क
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