अंगदान कैसे करें और कहां करें

अंगदान का संकल्प पत्र भरने के लिए आपको भारत सरकार नोटो ऑर्गेनाइजेशन दिल्ली और मोहन फाउंडेशन का फॉर्म नंबर 7 भरना होगा जिसमें आपके करीबी दो रिश्तेदारों के नाम पता और हस्ताक्षर फॉर्म नंबर 7 में भरने होंगे इसके बाद 15 दिनों के भीतर आपको डोनर कार्ड प्रदान कर दिया जाएगा आप ऑनलाइन भी फॉर्म नंबर 7 भरकर नोटों दिल्ली और मोहन फाउंडेशन की वेबसाइट पर जाकर भर सकते हैं ऑनलाइन प्रक्रिया में आपको डोनर कार्ड तुरंत ही उपलब्ध हो जाएगा या फिर आप इनके क्यूआर कोड को स्कैन करके भी अंगदान का संकल्प ले सकते हैं। इसके साथ ही आप अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल, मेडीकल कॉलेज में भी जाकर अंगदान का संकल्प पत्र भर सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार ने अंगदान प्रक्रिया को कानूनी प्रक्रिया को सरल बना दिया है ।
नेशनल आर्गन टिशु ट्रांसप्लांटेशन ऑर्गेनाइजेशन दिल्ली भारत सरकार- यह भारत सरकार का संस्थान है जहां आप अंगदान का संकल्प पत्र भर सकते हैं यह संस्थान भारत के सभी अंगदान संस्थानो का मुख्य केन्द्रीय संस्थान है जिसकी शाखाएं भारत के सभी राज्यों में सोटो,डोटो, आदि नामों से मौजूद हैं जब भी किसी मृत व्यक्ति के अंगों का दान परिवार की सहमति से किया जाता है तो नोटो की टीम वहां पहुंचतीं है और अंगदान की प्रक्रिया शुरू होती है।
मोहन फाउंडेशन – मोहन फाउंडेशन में भी अंगदान का संकल्प लिया जा सकता है यह भारत का सबसे पुराना सबसे बड़ा अंगदान संस्थान है मोहन फाउंडेशन का पूरा नाम मल्टी ऑर्गन हार्वेस्टिंग एड नेटवर्क है सबसे पहले आपने दूरदर्शन पर इस संस्थान के कार्यक्रम को देखा और सुना होगा इसके बाद आमिर खान के मशहूर टीवी शो सत्यमेव जयते में आपने मोहन फाउंडेशन के बारे में जाना होगा इतना ही नहीं कौन बनेगा करोड़पति के करम वीर अवार्ड से सम्मानित हैं महानायक अमिताभ बच्चन, आमिर खान, रितेश देशमुख, जैसे हिंदी सिनेमा जगत के अनेकों कलाकारों ने इसी संस्थान में अंगदान का संकल्प लिया है।आप भी अंगदान का संकल्प इस संस्थान में ले सकते हैं।
अंगदान का संकल्प लेने से पहले अंगदान के बारे में आपको जानना चाहिए- जब किसी बीमारी के चलते व्यक्ति के अंग काम करना बंद कर देते हैं या हमारे शरीर के अंग जैसे लिवर किडनी आदि स्वाभाविक रूप से खराब हो जाते हैं ऐसी स्थिति में चिकित्सक अंग प्रत्यारोपण की सलाह देते हैं लेकिन प्रत्यारोपण लिए अंग की आवश्यकता होती है लेकिन अंग प्रत्यारोपण करने के लिए एकमात्र विकल्प होता है किसी दूसरे व्यक्ति के अंग उसे व्यक्ति में लगाए जाएं जिनके अंग सफल हो गए हैं या काम करना बंद कर दिया है।
मानव शरीर अंगों की प्राप्ति- जब कोई व्यक्ति ब्रेन
डेड की अवस्था में या फिर सामान्य मृत्यु की अवस्था में या जीवित व्यक्ति अंगदान करने के लिए अंगदाता के परिवारजन स्वीकृति प्रदान कर देते हैं तो ऐसी स्थिति में कानूनी प्रक्रिया के साथ अंगदान की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है।

यह भारत सरकार नोटो ऑर्गेनाइजेशन दिल्ली का क्यूआर कोड है जिसमें स्कैन करक आप अंगदान का संकल्प ले सकते हैं।
अंगदान की तीन अवस्थाएं होती हैं जो निम्नलिखित है
1.सामान्य मृत्यु मे अंगदान – मृत्यु के छः घंटे के बाद तक ऑखो का दान किया जा सकता है। त्वचादान भी इस अवस्था मे किया जाता है ।यहा पर त्वचा से तात्पर्य है कि जांघ और कमर के पास की त्वचा निकाली जाती है।
2.जीवित अवस्था मे अंगदान – पीड़ित व्यक्ति के नजदीकी संबधी रिश्तेदार ही कर सकता है इसके लिए डॉक्टर की सलाह अनुमति और सबंधित प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान की अनुमति प्राप्त करने के बाद संभव है जिसमे किसी भी प्रकार का लेन देन ना किया गया हो इसकी भी जांच की जाती है । किडनी, लीवर , बोनमैरो दान अंगों का दान जीवित अवस्था में किया जा सकते हैं।

यह पोस्टर मोहन फाउंडेशन का जिसमें नीचे अंगदान का संकल्प लेने के लिए क्यूआर कोड भी दिया गया है
3.ब्रेनडेड ( मस्तिष्क मृत्यु ) – जब एक्सीडेंट में घायल या किसी अन्य कारण से किसी व्यक्ति के मस्तिष्क में गहरी चोट लग जाती है और उसके मस्तिष्क की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उसे व्यक्ति के परिवार जनों को चिकित्सक की अंगदान की सलाह देते हैं परिवार जनों की सहमति मिल जाने के बाद कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए अंगदान किया जाता है ब्रेनडेड की अवस्था में एक व्यक्ति के 48 से 50 अंगों का दान किया जा सकता है लेकिन यह अंगों के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है । इस अवस्था में अंगों का दान अस्पताल में बनी प्रतीक्षा सूची के आधार पर पीड़ित व्यक्ति को प्रत्यारोपित किया जाता है । ब्रेनडेड एक ऐसी अवस्था है जिसमें अंगों की सफलता से पीड़ितों को सबसे ज्यादा पीड़ित व्यक्तियों को अंगों की प्राप्ति होती है।
भारत में अंगदान के नियम क्या है अंगदान करने के लिए क्या करना पड़ता है?
अंगदान कहां करें- वैसे तो आपके नजदीकी सभी सरकारी अस्पतालों में अंगदान की सुविधा मौजूद है आप अपने शहर या गांव के नजदीकी सरकारी अस्पताल मेडिकल कॉलेज मैं भी जाकर अंगदान का संकल्प पत्र भर सकते हैं यह संकल्प पत्र फार्म नंबर 7 में भरा जाता है। अंगदान करने का मुख्य केंद्र दिल्ली में स्थित है जिसका नाम है नेशनल अंग टिशु ट्रांसप्लांटेशन ऑर्गेनाइजेशन दिल्ली आप भारत के किसी भी कोने में रहते हो किसी भी शहर के किसी भी गांव के सरकारी अस्पताल में अंगदान का फॉर्म भरेंगे और आप अंगदान का संकल्प लेना चाहते हो तो भी वह फॉर्म वह जानकारी नेशनल अंग टिशु ट्रांसप्लांटेशन दिल्ली भारत सरकार को ही जाएगी। वर्तमान समय में दो बहुत ही विश्वसनीय संस्थान है जहां पर आप अंगदान का संकल्प ले सकते हैं पहले संस्थान है भारत सरकार नोटों ऑर्गेनाइजेशन दिल्ली जिसका पूरा नाम है नेशनल अंग टिशु ट्रांसप्लांटेशन। अंगदान दूसरा संस्थान है मोहन फाउंडेशन जिसका पूरा नाम मल्टी ऑर्गन हार्वेस्टिंग एड नेटवर्क है। इस संस्थान का मुख्यालय चेन्नई में स्थित है यह भारत का सबसे पुराना और विश्वसनीय अंगदान संस्थान है।
1.मनुष्य का कौन सा अंग दान किया जा सकता है?
मनुष्य अपने हृदय, गुर्दे, फेफड़े, अग्न्याशय, यकृत, आंत, कॉर्निया, त्वचा, कंडरा, हड्डी, तंत्रिका और हृदय वाल्व अंगों का दान कर सकता है ।
2.अंग दान कब किया जाता है?
अंगदान की तीन अवस्थाएं होती है जिसमें परिवार की सहमति के बाद मनुष्य का अंगदान किया जा सकता है ब्रेनडेड,सामान्य मृत्यु और जीवित अवस्था में अंगदान किया जाता है।
3.जीवित रहते हुए आप कौन से अंग दान कर सकते हैं?
जीवित रहते हुए आप एक किडनी , अपने लिवर का कुछ भाग एवं कुछ अन्य अंगों का दान कर सकते हैं लेकिन जीवित अवस्था में भी अंगदान करने के लिए कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
नोट – यदि आप अंगदान संकल्प पत्र भरने से जुड़ी कोई भी जानकारी जानना चाहते हैं आप हमें किसी भी प्रकार का सुझाव देना चाहते हैं फिर आप हमसे संपर्क करना चाहते हैं तो आप हमें ईमेल prabhatkikalam@gmail.com पर भेज सकते हैं यदि आपको हमारा यह लेख उपयोगी लगा हो तो लाइक शेयर करना ना भूले समाज कार्य से जुड़ी सभी अपडेट्स पाने के लिए बने रहिए आपके अपने न्यूज पोर्टल प्रभात की कलम पर।