स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर हरीश पटेल का कचरा फ़ैलाने वालों के लिए फूटा गुस्सा

स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर हरीश पटेल का कचरा फ़ैलाने वालों के लिए फूटा गुस्सा

 

 

Swachhata brand ambassador Harish Patel ka kachra failane walo ke liye futa gussa
Swachhata brand ambassador Harish Patel ka kachra failane walo ke liye futa gussa

 

 

नगर पालिका के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर बॉलीवुड सिनेमैटोग्राफर हरीश पटेल लगातार शहर में स्वच्छता पर समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं उन्होंने हाल ही में शहर में स्वच्छता बनाए रखने के लिए रोको टोको अभियान की शुरुआत की है जिसमें वह कचरा फैलाने वालों को रोक रहे हैं टोंक रहे हैं और आम जन को स्वच्छता के लिए जागरूक कर रहे हैं ।

 

 

हरीश पटेल द्वारा शहर के सभी चौराहों का रंग रोगन करके उनका जीर्णोद्धार भी किया गया,हर हफ़्ते के साप्ताहिक स्वच्छता श्रमदान के बाद भी लोगों में जागरुकता नहीं आ पा रही, हरीश पटेल अपने विनम्र और शांत मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाते है, लेकिन आज शाम उनका उग्र रूप भी देखने को मिला,आज शाम वो अपनी उम्मीद टीम के मित्र दीपक राजपूत के साथ बैठे थे, तभी उनने जबलपुर जाने वाली सिद्धिविनायक बस से एक महिला यात्री को दरवाजे के पास खड़े होकर कूड़ा बाहर फेंकते देखा,जब तक वो बस के पास गए तब तक बस आगे बढ़ गई, तो हरीश पटेल ने अपने मित्र दीपक राजपूत के साथ बस का पीछा किया ।

 

 

Swachhata brand ambassador Harish Patel ka kachra failane walo ke liye futa gussa
Swachhata brand ambassador Harish Patel ka kachra failane walo ke liye futa gussa

 

 

रोको टोको अभियान के तहत बस को किल्लाई नाका पर रुकवाकर ड्राइवर क्लीनर सहित सभी बस यात्रियों को ना सिर्फ समझाइश दी,बल्की पहली बार उन्होंने गुस्सा भी जाहिर किया,जब वो वापस लौटे तो इस के तुरंत बाद दमोह से घटेरा जा रही एक बोलेरो पर सवार लोगों ने गुटखा खाकर सड़क पर थूक दिया,तो उन्होंने थूकने वाले को बहुत डांटा,साथ ही स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की समझाइश भी दी, हरीश पटेल जब बस में गए तो उनने देखा कि बस में लोगों ने मुंगफली के छिलके खा कर भी फ़र्श पर डाले हुए हैं उसको लेकर भी उनने अपना गुस्सा जाहिर किया,और ड्राइवर को कूड़ेदान की हिदायत दी. हरीश पटेल कहते हैं अब ऐसे काम नहीं चलेगा अब लोगों को रोकना टोकना अनिवार्य है साथ ही इन पर पाबंदियां लगनी भी बहुत जरूरी है. मैं दमोह शहर को स्वच्छता की श्रेणी में लाने के लिए संकल्पित हूं लेकिन इसमें सभी का साथ मिलना अनिवार्य हैं,मैं शहर वासियों से अपील करता हूं कि इस तरह से अगर कहीं भी किसी को कचरा फ़ैलाते देखें तो अपने जिम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य निभाएं और लोगों को ताकत के साथ रोकना टोकना शुरू करे।

 

 

1.स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत कब और किसने की थी?
महात्‍मा गांधी के स्‍वच्‍छ भारत के स्‍वप्‍न को पूरा करने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी ने 2 अक्‍टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया।

 

 

2.स्वच्छता दिवस कब मनाया जाता है?
यह प्रतिवर्ष 20 सितंबर को आयोजित किया जाता है और इसका समन्वय वैश्विक संगठन लेट्स डू इट! वर्ल्ड द्वारा किया जाता है।

 

3.स्वच्छ भारत अभियान क्या था?
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य स्वच्छता, स्वास्थ्य और शौचालयों के निर्माण को बढ़ावा देकर भारत को स्वच्छ और खुले में शौच से मुक्त बनाना है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था, जिन्होंने एक स्वस्थ और समृद्ध राष्ट्र के लिए स्वच्छता और सफाई को अनिवार्य बताया था।

 

4.जल प्रदूषण क्या है?
झीलें , नदियाँ , महासागर , जलभृत , जलाशय और भूजल शामिल हैं। जब दूषित पदार्थ इन जल निकायों में मिल जाते हैं तो जल प्रदूषण होता है।यह आमतौर पर मानवीय गलतियों के कारण होता है।

 

 

5.जल प्रदूषण अधिनियम कब पारित हुआ था?
भारत में जल प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए 1974 में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम लागू किया गया था। इस अधिनियम में 1988 में संशोधन किया गया था।

 

 

6.दमोह क्यों प्रसिद्ध है?
दमोह जिला अपने प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें जैन धर्म का सुप्रसिद्ध तीर्थस्थल कुंडलपुर का बड़े बाबा मंदिर है जहां पर जैन धर्मावलंबियों के साथ साथ बहुत से भक्त और साधक बड़े बाबा के दर्शनों के लिए कुंडलपुर पहुंचते हैं दमोह जिले में बांदकपुर का भगवान भोलेनाथ का मंदिर भी सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो
जागेश्वरनाथ महादेव मंदिर के नाम से विख्यात है।

 

 

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