नवरात्रि 2025 के 7 वे दिन मां कालरात्रि की पूजा करने करे मिलेगा विशेष लाभ

नवरात्रि के सातवें दिन महाकाल रात्रि की पूजा की जाती है और यह मां दुर्गा का सबसे उग्र रूप है माता कालरात्रि का स्वरूप भयंकर और शक्तिशाली है लेकिन अपने भक्तों के लिए माता अत्यंत शुभ और कृपालु है माता कालरात्रि को नकारात्मक ऊर्जा बुरी शक्तियों और भाई को दूर करने वाली देवी माना जाता है मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों में साहस शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
मां कालरात्रि की पूजा- नवरात्रि के सातवें दिन यानी सप्तमी तिथि पर की जाती है माता कालरात्रि की पूजा उपासना करने से भक्तों को बाय नकारात्मक ऊर्जा और शत्रुओं से मुक्ति दिलाता है माता कालरात्रि की पूजा करने से शनि दोष से भी मुक्ति मिल जाती है मा कालरात्रि देवी दुर्गा की साथ में शक्ति है नवरात्रि 2025 का सातवां दिन रविवार 28 सितंबर मा कालरात्रि को समर्पित है इस दिन पूजा करने का शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त लगभग सुबह 4:35 से 5:25 बजे तक है और अभिजीत मुहूर्त लगभग दोपहर 11:55 बजे से 12:47 बजे तक शामिल है इसके साथ अन्य शुभ मुहूर्त अमृत कल लगभग सुबह 9:33 बजे से 11:10 बजे तक आता है जो आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम माना जाता है घोड़ुली मुहूर्त लगभग शाम 6:51 बजे से 7:13: बजे तक पूजा करने के लिए अनुकूल समय है।

स्वरूप माता कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत भयानक है माता के शरीर का रंग घने अंधकार की तरह कल है बाल बिखरे हुए हैं और गले में बिजली की तरह चमकने वाली माल है उनके तीन नेत्र हैं माता कालरात्रि गधे की सवारी करती हैं नाम से माता का स्वरूप भयानक प्रतीत होता है लेकिन माता सदैव शुभ फल देने वाली होती है इसलिए इन्हें शुंभकारी भी कहा जाता है माता कालरात्रि की उपासना करने से भक्तों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है शत्रु और बुरी शक्तियों का नाश होता है तथा भय और दुख दूर होता है।
पूजा विधि
1. स्नान संकल्प-सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें इसके बाद हाथ में जल फूल और अक्षत लेकर महाकाल रात्रि के व्रत और पूजा का विधिवत संकल्प ले।
2.स्थापना -पूजा स्थल को साफ कर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाए और महाकाल रात्रि की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें।
3.माता का आवाहन– माता कालरात्रि का आवाहन करें और उनके सामने घी या तेल का दीपक जलाएं।
4. तिलक और सामग्री – मां को लाल चंदन या होली का तिलक लगाए इसके बाद उन्हें अक्षत धूप दीप गंध और फल अर्पित करें।
5. प्रिय पुष्प– महाकाल रात्रि को रात रानी, गुड़हल और लाल रंग के फूल अत्यंत प्रिय हैं उन्हें यह फूल श्रद्धापूर्वक चढ़ाएं।
6. भोग– महाकाल रात्रि को गुड़ का भोग लगाना विशेष शुभ माना जाता है आप गुड से बनी मिठाई या हवा भी अर्पित कर सकते हैं।
7. मंत्र जाप- लाल चंदन की माला या रुद्राक्ष की माला से मां का जाप करें। “ओम देवी कालरात्र्यै नमः”।
8.पाठ- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें या दुर्गा चालीसा का पाठ करें अंत में कपूर और दीपक जलाकर माता की आरती करें आरती के बाद प्रसाद का वितरण करें।

FAQ.
नवरात्रि के 7वें दिन का मंत्र “या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥” और “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः॥” है नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना की जाती है ।
नवरात्रि के सातवें दिन गुड़ और गुड़ से बना हलवा का भोग लगाएं माता कालरात्रि को गुड़ अत्यधिक प्रिय हैं गुड़ और गुड़ से बने व्यंजन का भोग लगाना विशेष शुभ माना जाता है।
नोट – नवरात्रि पर्व की आप सभी को हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं भक्ति से जुड़ी माता रानी की उपासना से जुड़ी समस्त जानकारी पाने के लिए बने रहिए आपके अपने न्यूज पोर्टल प्रभात की कलम पर। यदि आप हमें किसी प्रकार का सुझाव देना चाहते हैं या फिर आप हमसे संपर्क करना चाहते हैं तो आप हमें ईमेल prabhatkikalam@gmail.com पर भेजे । माता रानी आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करे आपका दिन शुभ हो ।