एनजीओ शुरू करने से पहले क्या रिसर्च जरूरी है जानिए महत्वपूर्ण सुझाव

एनजीओ शुरू करने से पहले क्या रिसर्च जरूरी है जानिए महत्वपूर्ण सुझाव

 

 

Anju shuru karne se pahle kya research jaruri hai janiye mahatvpurn sujhav
Ngo shuru karne se pahle kya research jaruri hai janiye mahatvpurn sujhav

 

 

एनजीओ शुरू करने से पहले सबसे जरूरी दो मुख्य बातें हैं पहले क्या आपके पास 7 से 10 लोगों की भरोसेमंद टीम है जो आपके साथ हमेशा समाज कार्य करने के लिए तैयार रहे यदि आप आधी रात को भी अपने टीम के सदस्यों को अचानक फोन करके बुलाते हैं तो क्या आपकी टीम के सदस्य आते हैं समाज कार्य के लिए उपलब्ध रहते हैं इसके साथ-साथ आपकी टीम के सदस्य आपके साथ क्या लंबे समय तक समाज कार्य करने के लिए तैयार रहेंगे क्योंकि एक एनजीओ के शुरुआत से लेकर उसके बेहतर संचालन तक लगभग तीन से पांच साल का समय लगता है तो क्या इतने लंबे समय तक आपकी टीम के सदस्य आपके साथ तैयार और तट पर रह पाएंगे अपनी टीम के सदस्यों को पर रखें कि क्या वह आपके साथ सेवा कार्य करने के लिए तीन से पांच साल का लंबा समय दे पाएंगे।

 

 

एनजीओ शुरू करने से पहले दूसरी मुख्य सबसे जरूरी बात है कि एनजीओ के संचालन के लिए आप फंड कहां से लाएंगे क्योंकि एनजीओ चलाने के लिए सबसे बड़ी समस्या फंड की ही होती है क्योंकि एक एनजीओ के रजिस्ट्रेशन के बाद लगभग 20 हजार रुपए का कम से कम हर वर्ष खर्च आता है यानी आपको हर साल एनजीओ का हर साल सीए से ऑडिट कराना होगा और एनजीओ के साथ-साथ ऑडिट रिपोर्ट बनवाने का खर्च भी देना होगा एनजीओ की इनकम टैक्स रिटर्न भी फाइल करनी होगी।

 

 

 

Ngo shuru karne se pahle kya research jaruri hai janiye mahatvpurn sujhav
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एनजीओ का एक अकाउंटेंट होगा जो एनजीओ का लेखा-जोखा तैयार करेगा उसका खर्च भी आपको उठना पड़ेगा। इस कार्य के लिए आपके एनजीओ के पास पर्याप्त मात्रा में फंड होना चाहिए। एनजीओ में आय आने साधनों के बारे में सबसे पहले सोचें ऐसी योजना ना बनाएं कि आप आपस में ही अपने सदस्यों से चंदा एकत्रित करेंगे और एनजीओ का संचालन करेंगे यदि आप इस तरह की योजना बना रहे हैं तो आप गलत है क्योंकि सदस्य गन आपको एक-दो माह या अधिकतम 6 माह की सहायता कर पाएंगे इसके बाद एनजीओ के फाउंडर के ऊपर खर्च का सारा भार आ जाता है और वह भी एक समय के बाद फंड की भरपाई नहीं कर पाता इसलिए आए के साधनों को एकत्रित करने की एक मजबूत योजना के साथ ही एनजीओ की शुरुआत करें।

 

 

भावनाओं में बहकर एनजीओ को शुरू न करें पहले रिसर्च करें-अक्सर हम भावनाओं में बहकर सेवा सहायता करने का फैसला कर लेते हैं जो सेवा कार्य और समाज कार्य की दृष्टि से एक बहुत अच्छी बात है बहुत ही नेक कार्य है लेकिन गो शुरू करने के लिए आप भावनात्मक रूप से फैसला न लें सबसे पहले आवश्यक बातों को जानने क्योंकि गो शुरू करने के कुछ समय बाद आपको कठिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि एक एनजीओ का संचालन में एक जैसी विचारधारा वाले सात लोगों की जरूरत होती है जो सेवा कार्य करने के लिए कठिन से कठिन समय में आपके साथ खड़े रहे सबसे जरूरी बात एनजीओ शुरू करने के बाद आपको हर 15 दिन में एक समाज हित का कार्यक्रम या सेवा कार्य आयोजित करना चाहिए इस कार्यक्रम को करने के लिए आपके पास फंड कहां से आएगा यह भी आपको ही तय करना है आपको धन के उन स्रोतों की व्यवस्था करनी होगी जिसे आप नियमित प्रभावी ढंग से कार्यक्रम आयोजित कर सकें और गरीबों जरूरतमंदों की सहायता कर सकें ध्यान रहे वार्षिक पेपर वर्क में लगने वाला धन अलग है वह तो आपको हर वर्ष लगेगा ही इसके साथ सेवा कार्य करने के लिए भी धन की आवश्यकता होगी।

 

एनजीओ शुरू करने से पहले की आवश्यक प्रक्रिया जान ले-
1. एनजीओ शुरू करने से पहले आपको एनजीओ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी जान लेनी चाहिए क्योंकि रजिस्ट्रेशन करने को लिए भी आपके धन की आवश्यकता होगी यदि आप समिति अधिनियम के तहत एनजीओ रजिस्ट्रेशन करते हैं तो सात लोगों की इसमें आवश्यकता होगी जो कमेटी के सदस्य होंगे आपको 5000 रूपए की चालान फीस समितियां के रजिस्टर के कार्यालय में जमा करनी होगी और रजिस्ट्रेशन की लगभग 3000 रुपए की ऑनलाइन फीस भी आपको देना होगी संस्था की स्टेशनरी आदि का खर्च भी आपको ही वहन करना पड़ेगा।

 

2.आपको किस क्षेत्र में समाज कार्य करना है वृद्ध कार्ल्याण महिला कल्याण शिक्षा स्वास्थ्य आदि आप कोई एक क्षेत्र अपनी रुचि के अनुसार चुन लें और सेवा कार्य करने की एक मजबूत प्रभावी रूपरेखा तैयार कर ले।

 

 

3.आपको अपने सेवा कार्य के क्षेत्र के हिसाब से यह भी रिसर्च करना चाहिए कि आप सेवा कार्य कहां पर करेंगे किन लोगों की सेवा करेंगे और आपकी सेवा सहायता वास्तविक जरूरतमंद तक पहुंच रही है या नहीं जिन लोगों को आप सहायता कर रहे हैं।

 

 

4.एनजीओ शुरू करने के बाद किया जा रहे समाज कार्य को स्थानीय समाचार पत्रों में भी भेजना होता है इसलिए कार्यक्रम की रूपरेखा और सेवा कार्य इतना प्रभावी रूप से करें कि स्थानीय मीडिया आकर्षित हो और आपकी सेवा कार्य को अपने समाचार पत्रों में जगह दे आपका सेवा कार्य आपके स्थानीय समाचार पत्रों की सुर्खियों में छाए रहे।

 

 

5.जब आप अपने एनजीओ की कमेटी बनाएं तो उस कमेटी में दो अनुभवी सीनियर सिटीजन को भी आवश्यक रूप से कमेटी का सदस्य बनाएं ताकि आपकी कमेटी का संचालन बेहतर हो सके एक रिटायर्ड अनुभवी व्यक्ति अपने अनुभव के आधार पर मार्गदर्शन और प्रभावी योजना को गति दे सकता है।

 

 

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