गुरु पूर्णिमा आज ,जाने क्या है पूजा स्नान दान का शुभ मुहूर्त,क्यों लेते हैं गुरु का आशीर्वाद

गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरा
गुरु साक्षात परंब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः
अर्थात गुरु ही ब्रह्म है गुरु ही विष्णु है गुरु ही भगवान भोलेनाथ शिव शंकर हैं गुरु ही साक्षात परम ब्रह्म है ऐसे गुरु के चरणों में मैं प्रणाम करता हूं नमन करता हूं।
आज गुरु का दिन है यानी आज गुरु पूर्णिमा है गुरु पूर्णिमा हर साल आती है लेकिन गुरुवार को ही आए ऐसा बहुत कम होता है इस बार बरसों के बाद यह संयोग बना है इस कारण आज का दिन सभी के लिए बहुत बड़ा दिन है जिन्होंने अपने जीवन को गुरु के लिए समर्पित कर दिया है और उन सद्गुरु की कृपा से शिष्य अपने आपको धन्य धन्य माना रहा है ऐसा उत्सव पर्व को हम गुरु पूर्णिमा के रूप में सदियों से मनाते आ रहे हैं इस वर्ष गुरुवार को ही हम गुरु पूर्णिमा मना रहे हैं इस महापर्व को मनाने के लिए संपूर्ण भारतवर्ष में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर धार्मिक संस्थाओं से लेकर शैक्षणिक संस्थानों तक वह अन्य विधाओं के केन्द्रो कला केंद्र, संगीत कला , क्रीड़ा केन्द्र में भी भक्त अपने गुरु की आराधना के लिए जगह-जगह भव्य आयोजन कर रहे हैं आज के दिन कई स्थानों पर भागवत कथा का आयोजन किया गया है तो कहीं अखंड पाठ किया जा रहा है जाप, यज्ञ, पूजन अर्चन सुबह से ही जारी है गुरु द्वार पर शिष्यों का मेला लग रहा है।
वैदिक पंचाग के अनुसार- आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु पूर्णिमा व्रत का पालन किया जाता है हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन पूजा पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है यह पर्व गुरु पूजन के लिए समर्पित है पंडित आयुष दुबे के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान दान पूजा पाठ आदि करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है पंचक के अनुसार इस साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि 9 जुलाई 2025 को रात 12:50 पर शुरू होगी और 10 जुलाई 2025 को रात 1 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का पूजन किया जाता है और इसलिए इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई 2025 को मनाई जा रही है व्रत रखने वाले जातकों के लिए 10 जुलाई का दिन बहुत महत्वपूर्ण है इस दिन स्नान व दान का विशेष महत्व माना गया है कहते हैं इस दिन स्नान के बाद अपनी समर्थ के अनुसार दान किया जाए तो जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है हिंदू पंचांग के अनुसार गुरु पूर्णिमा आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है इससे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था।

शुभ महूर्त – पंडित आयुष दुबे के अनुसार 10 जुलाई 2025 को सुबह 8 बजकर 19 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है 10 जुलाई को गुरु योग, ऐन्द्र योग, अमृत योग, सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है इस दिन श्री हरि विष्णु, देवी लक्ष्मी, भगवान शिव शंकर, चंद्र देव और गुरुओं, गुरुजनों की पूजन अर्चना का विशेष महत्व है गुरु पूर्णिमा पर गुरु का आशीर्वाद लेने से अक्षय पुण्य जीवन में आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान देवताओं से भी ऊपर माना गया है ।
नोट -आप सभी को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं आपको हमारा यह लेख कैसा लगा कमेंट करके जरूर बतायें यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो लाइक शेयर करना ना भूले । यदि आप हमें किसी प्रकार का सुझाव देना चाहते हैं या फिर आप हमसे संपर्क करना चाहते हैं तो आप हमें ईमेल prabhatkikalam@gmail.com पर भेज सकते हैं।