आज देवशयनी एकादशी है जानिए कैसे करें भगवान विष्णु की पूजा पूरी विधि

आज देवशयनी एकादशी है हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी को बेहद पुण्य माना जाता है इस दिन व्रत रखने से जातक सभी पापों से मुक्त हो जाता है देवशयनी एकादशी से भगवान श्री हरि विष्णु चार माह के लिए विश्राम करने चले जाते हैं और पृथ्वी का कार्य भार महादेव भोले शंकर को सौंप जाते हैं हर वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाता है यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है इस दिन से ही भगवान श्री हरि विष्णु चार महीने की योग निद्रा में चले जाते हैं और मांगलिक कार्यों पर चार माह के लिए विराम लग जाता है।

कब है देवशयनी एकादशी 2025- दीप सैनी एकादशी 6 जुलाई 2025 रविवार के दिन है पंडित आयुष दुबे के अनुसार एकादशी तिथि का आरंभ 5 जुलाई 2025 शाम 60 मिनट पर होगा और 6 जुलाई 2025 को रात 9 बजकर 14 मिनट तक एकादशी तिथि रहेगी श्री दुबे बताते हैं देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु चीयर सागर में चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है चातुर्मास के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य जैसे कथा, अनुष्ठान ,यज्ञ ,मुंडन, गृह प्रवेश, शादी विवाह नहीं किए जाते क्योंकि भगवान श्री हरि विष्णु सीधे तौर पर सृष्टि के कार्यों में भाग नहीं लेते इस एकादशी को हरिशयनी एकादशी और पद्मा एकादशी भी कहा जाता है इस व्रत को रखने से अनजाने में किए गए पापों और जानबूझकर किए गए पापों से मुक्ति की प्राप्ति हो जाती है।

पंडित आयुष दुबे के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन व्रत रखने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करना चाहिए
1.सुबह उठना और स्नान आदि करना ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान करें और स्वच्छ वेस्टन को पहने।
2.व्रत का संकल्प ले।
3. सूर्य देवता को अर्घ्य दें-एक तवे के लोटे में जल भरकर उसमें सिंदूर और लाल फूल डालकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें।
4. भगवान विष्णु की पूजा करें-एक लकड़ी की चौकी पर पीले रंग के वस्त्र बेचकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें,जल से आचमन करें, भगवान विष्णु को पीला चंदन फूल माला अक्षत आदि अर्पित करें, भोग में तुलसी डालकर फल मिठाई आदि चढ़ाए, घी का दीपक और धूप जलाएं, एकादशी व्रत कथा ,विष्णु चालीसा, विष्णु मेट्रो आदि का पाठ करें और फिर भगवान श्री हरि विष्णु की आरती करें, पूजा करने के बाद भूल चुके के लिए भगवान से क्षमा याचना कर ले।
5. दिन भर व्रत रखें-संभव हो तो निर्जला व्रत रखें रात में जागरण करके भगवान श्री हरि विष्णु के नाम का जाप करें।
6. पारण-एकादशी के अगले दिन द्वादशी को तय समय पर पूजा पाठ करने के बाद व्रत का पारण करें 7 जुलाई 2025 को सुबह 9:29 तक पारण का उत्तर समय रहेगा।
FAQ.
1.जुलाई में एकादशी कब है?
पंडित अमृतेश मिश्रा बताते हैं 05 जुलाई को शाम 06 बजकर 60 मिनट पर शुरू हो चुकी है और इसकी तिथि का समापन 06 जुलाई को आज रात 9 बजकर 14 मिनट पर होगा । पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को व्रत रखा जाता है।
2.जुलाई में एकादशी कितनी तारीख को है?
जुलाई माह में एकादशी 6 जुलाई 2025 को है यह आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है इस दिन से मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं।
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