एनजीओ कैसे पैसा कमाते हैं?

एनजीओ के पास पैसा कहां से आता है
एन जी ओ विभिन्न तरीके से कमाते हैं एन जी ओ आम लोगों ,उद्योगपतियों, व्यापारियों ,कर्मचारी आदि से प्राप्त डोनेशन लेते हैं भारत के ज्यादातर एन जी ओ डोनेशन पर निर्भर हैं बहुत सारे बड़े लोग टैक्स से बचने के लिए एनजीओ को दान देते हैं तो कुछ समाज हित की भावना से प्रेरित होकर पैसों का दान करते हैं एन जी ओ भारत सरकार और राज्य सरकार से भी डोनेशन प्राप्त करते हैं बड़े एन जी ओ छोटे एनजीओ को सेवा सहायता के लिए दान देते हैं सरकारी योजनाओं के लिए सरकार से प्रोजेक्ट लेकर सामाजिक में कार्य किए जाते हैं जिसमें एन जी ओ को भी लाभ होता है उदाहरण राज्य एवं भारत सरकार द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए एन जी ओ को ₹100000 का प्रोजेक्ट देती है जिसमें 5000 से 10000 तक एन जी ओ को पूरे प्रोजेक्ट पर लाभ प्राप्त होता है उदाहरण के तौर पर आंगनबाड़ी और सरकारी स्कूलों में बच्चों को निशुल्क भोजन बनता जाता है जो एनजीओ के माध्यम से बनता जाता है यह टेंडर या प्रोजेक्ट सरकार एन जी ओ को देती है इस कार्य को करने के लिए सरकार जो धन देता है उसे पूरे प्रोजेक्ट में जैसे एक लाख रुपए का प्रोजेक्ट है तो पूरे प्रोजेक्ट पर ₹5000 गो को लाभ प्राप्त होता है इसके अलावा बड़ी-बड़ी नामी गो और संस्थाएं अच्छे कार्य करने वाले एनजीओ के लिए इनाम के तौर पर पुरस्कार भी देती हैं और धनराशि भी प्रदान करती हैं जिससे
एन जी ओ वित्त पोषित होता है।
लेकिन एनजीओ को पैसा कमाने के लिए आवश्यक कार्यवाही और पेपर वर्क तैयार रखना चाहिए हमने अपने पिछले लेख में आपको बताया था कि गो कैसे रजिस्टर्ड कारण इसके आगे की प्रक्रिया हम आपको बताते हैं जैसा कि हमने आपको बताया था कि आपको एक कार्यवाही रजिस्टर बनाना है जिसमें संस्था की कार्यवाही लिखी जाएगी।
आवश्यक कार्यवाही -1. संस्था का रजिस्ट्रेशन होने के बाद आप संस्था का एक पैन कार्ड आवश्यक रूप से बनवा लें जिस नाम से संस्था रजिस्टर हुई है उसी नाम से संस्था का एक पैन कार्ड बनेगा।
2.संस्था रजिस्ट्रेशन होने के बाद आप किसी बैंक में संस्था का एक खाता आवश्यक रूप से खोलें और संस्था के समस्त लेनदेन उस खाते से ही होना चाहिए ऐसा ना हो कि अपने ₹1 की कोई वस्तु खरीदी है और वह पैसा बैंक से ना निकल गया हो यदि किसी ने आपको ₹1 दान दिया है तो बैंक में जमा होना चाहिए वह ₹1 बैंक अकाउंट में स्टेटमेंट में दिखना चाहिए।
3.आप संस्था के अंदर जो भी कार्य करेंगे कार्यवाही रजिस्टर में लिखेंगे सभी सदस्यों के हस्ताक्षर आवश्यक रूप से लेंगे मीटिंग की फोटो संस्था के बैनर के साथ होनी चाहिए ऐसा ना हो की चार लोग बैठे हैं और अपने फोटो ले ली उसमें संस्था का बैनर भी दिखाई देना चाहिए। के साथ ही आप कोई भी कार्यक्रम करेंगे तो उसमें संस्था का बैनर आवश्यक रूप से लगा होना चाहिए।
4.यदि आपने एक रूपए की भी कोई भी वस्तु संस्था के पैसे से खरीदी है तो आपके पास उसका पक्का बिल होना चाहिए
5.यदि संस्था को या आपके एनजीओ को किसी ने भी एक रुपए भी दिया है तो उसे आप पक्की रसीद प्रदान करें और उसकी एक कॉपी आपके पास भी होनी चाहिए।
6.दोनों आय व्यय के लेखे की एक रजिस्टर बनाकर एंट्री आवश्यक रूप से करनी चाहिए यदि आपने स्टेशनरी खरीदी है तो स्टेशनरी का एक रजिस्टर अलग से होना चाहिए ऐसे सभी व्यय और आय के अलग-अलग रजिस्टर बनाएं और अंत में कैश बुक बनाएं जिसमें आय व्यय के लेखे लिखे हो।
7.हर्ष हर वर्ष समय पर संस्था का धारा 27 और 28 का ₹2000 का चलन आवश्यक रूप से जमा करें सभी राज्यों की अलग-अलग फीस हो सकती है यह मध्य प्रदेश की फीस है ₹2000 का मध्य प्रदेश में चालान जमा होता है ऑनलाइन फीस ₹100 देनी होती है इसके साथ आप सी.ए.से संस्था के आय व्यय का ऑडिट करायें और रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर ऑडिट रिपोर्ट के साथ चालान जमा करें यदि आपने समय पर हर वर्ष चालान और का द्वारा ऑडिट कराया हुआ ऑडिट रिपोर्ट रजिस्टार ऑफिस जहां से आपकी संस्था रजिस्टर्ड हुई है वहां जमा नहीं कराई तो आपको दोगुनी फीस फाइन देनी पड़ेगी इसलिए ध्यान से इस कार्यवाही को समय पर पूरा करें और एक बार सीख सभा जो हर वर्ष आप करते हैं उसे कार्यवाही रजिस्टर की फोटो कॉपी भी ऑडिट रिपोर्ट के साथ जमा होगी।
8.आप अपने का से सलाह ले 80G और 12A इनकम टैक्स सर्टिफिकेट आवश्यक रूप से बनवाए इसके बिना आपको प्रोजेक्ट मिल नहीं पाएंगे किसी भी प्रोजेक्ट लेने के लिए आपकी संस्था 3 साल पुरानी होना आवश्यक है इसके साथ हर साल समय पर संस्था की इनकम टैक्स रिटर्न आवश्यक रूप से फाइल करें।
9.लेकिन ध्यान रहे ऐसा ना हो कि आपका उद्देश्य में स्वच्छता अभियान लिखा है और आपकी संस्था बाल कल्याण के प्रोजेक्ट के लिए आवेदन कर दी संस्था किसी एक क्षेत्र में लगातार 3 साल तक बहुत अच्छे कार्य कर रही है तो आप उसके लिए आवेदन करें आपको आसानी से प्रोजेक्ट मिलेगा जैसे आप स्वच्छ भारत अभियान पर 3 साल से कम कर रहे हैं और आपके पेपर ऑडिट रिपोर्ट सभी कुछ तैयार हैं तो आप आवेदन कर सकते हैं
नोट – यह जानकारी लेखक के व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित है इसके आगे की जानकारी हम आपको अपने अगले लेख में देंगे। यदि आपको संस्था या एनजीओ से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी चाहिए है तो हमें कमेंट करके बतायें हम इस पर पूरा एक आर्टिकल लिखेंगे ।
Kya purani dead padi society ko phir se NGO ke liye use kar sakte hai ?
Aap ki batayi hui jankari se bhaut kuch niyam ka pata chalta hai, dhanyawad.
Ha purani NGO kitni bhi purani hai life time chalengi vahi rahegi ,ha NGO ke liye use kar sakte hai NGO kabhi band nahi hoti jab Tak unki puri prosis ke sath band na kiya jaye