सत्येंद्र इस दुनिया से जाते-जाते तीन लोगों को दे गया जीवनदान ,जबलपुर में तीसरी बार बनाए गए दो ग्रीन कॉरिडोर

अंगदान से दूसरों को जीवनदान मिलता है यह बात आज जबलपुर शहर में प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिली है जबलपुर के रहने वाले सत्येंद्र यादव इस दुनिया से जाते-जाते तीन लोगों को जीवन दान दे गए दरअसल स्वतंत्र यादव 4 अगस्त 2025 को सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे जिसे जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था बुधवार रात को सत्येंद्र यादव का ब्रांड डेट घोषित कर दिया गया इसके बाद परिजनों की सहमति से अंगदान का निर्णय लिया गया।
किडनी और लीवर भोपाल-अहमदाबाद पहुँचाने बनाए गए दो ग्रीन कॉरिडोर
सत्येन्द्र दुनिया से विदा होते होते तीन लोगों को जिंदगी दे गया। सत्येन्द्र का लीवर भोपाल भेजा गया तो वहीं उसकी किडनी अहमदाबाद भेजी गई। इस पहल को अमलीजामा पहनाने के लिए आज दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। पहला ग्रीन कॉरिडोर सुबह 10.30 बजे डुमना एयरपोर्ट से डॉक्टर को ले जाने के लिए मेडिकल कॉलेज तक बनाया गया। वहीं मेडिकल कॉलेज से डोनेट आर्गन को अहमदाबाद भेजने के लिए फिर से एक बार मेडिकल कॉलेज से डुमना एयरपोर्ट तक का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। 23 किलोमीटर में बने इस ग्रीन कॉरिडोर में अंगों को अहमदाबाद तथा भोपाल तक पहुँचाने के लिए टीम ने सराहनीय कार्य किया।
सड़क हादसे में हुआ ब्रेन डेड
शहर के सुपर स्पेशलिटी मेडिकल कॉलेज में सड़क हादसे में घायल 31 वर्षीय सत्येन्द्र यादव को कल रात चिकित्सकों ने बे्रन डेड घोषित कर दिया था। सत्येन्द्र गैस सिलेंडर की सप्लाई करता था। 5 अगस्त को गैस सिलेंडर की सप्लाई करने के दौरान सत्येन्द्र सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसमें इलाज के लिए मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन यहां इलाज के दौरान सत्येन्द्र की हालत बिगड़ती चली गई और उसे चिकित्सकों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
परिवार वालों ने कहा करेंगे अंगदान
सत्येन्द्र की मौत के बाद परिवार जनों को काउंसलिंग दी गई उन्हें अंगदान की विशेषता के बारे में बताया गया इसके बाद सत्येंद्र परिवार वालों ने निर्णय लिया कि सत्येन्द्र के अंगों का दान कर जरूरतमंद की जिंदगी बचाई जाएगी। परिवार वालों द्वारा लिए गए इस निर्णय के बाद सत्येन्द्र के लीवर और किडनी दान करने पर सहमति बनी। सत्येन्द्र की लीवर और किडनी को जरूरतमंद तक पहुँचाने के लिए शहर में दो बार ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
भोपाल और अहमदाबाद से आई डॉक्टरों की टीम
लीवर और किडनी ले जाने के लिए पहले अहमदाबाद से सुबह 10.30 बजे डॉक्टरों की टीम डुमना एयरपोर्ट पहुँची। यहां से टीम मेडिकल कॉलेज पहुँची जहां से किडनी लेकर चिकित्सक डुमना एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए। वहीं लीवर के लिए सुबह 11 बजे भोपाल से आई डॉक्टरों की टीम डुमना एयरपोर्ट पहुँची। यहां ये डाक्टरों को मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जिसके डॉक्टरों की टीम लीवर लेकर वापस डुमना एयरपोर्ट पहुँची और फिर लीवर को भोपाल के सिद्धांत सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ले जाया गया।
यह तीसरा मामला है जब जबलपुर में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया- इसके पहले केशव प्रसाद द्विवेदी का ब्रांडेड की अवस्था में अंगदान किया गया था उसे समय जबलपुर में केवल सिटी हॉस्पिटल में रिट्रीवाल और ट्रांसप्लांट की व्यवस्था थी यह वह समय था जब मेडिकल कॉलेज में रिट्रीवाल और ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध नहीं थी इसके बाद लगभग साल 2023 में रिट्रीवर और ट्रांसप्लांट की सुविधा जबलपुर मेडिकल कॉलेज में प्रदान की गई भारत सरकार नोटो ऑर्गेनाइजेशन दिल्ली द्वारा जबलपुर मेडिकल कॉलेज को यह सुविधा प्रदान की गई। दूसरी बार बलिराम का ब्रेनडेड हो गया था और जबलपुर में दूसरी बार ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया ।सागर जिले के ग्राम मानक्याई निवासी 61 वर्षीय बलिराम कुशवाहा के परिवारजनों ने अंगदान की इच्छा जताई थी और अब तीसरी बार सतेन्द्र यादव का ब्रेन डेड होने पर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
नोट – यदि आप भी अंगदान का संकल्प पत्र भरना चाहते हैं भारत सरकार नोटो ऑर्गेनाइजेशन दिल्ली की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर फॉर्म नंबर सात भर सकते हैं या फिर क्यूआर कोड को स्कैन करके भी अंगदान का संकल्प लें सकते हैं।